फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश, 32 गिरफ्तार

 


फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश, 32 गिरफ्तार


नई दिल्ली। पश्चिम दिल्ली जिले की साइबर सेल ने शनिवार रात मोतीनगर इलाके में विदेशी लोगों को ठगने वाले फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश कर 32 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सरगना बिन्नी समेत पांच लोग फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। आरोपियों ने पिछले चार माह में कनाडा मूल के करीब पांच सौ लोगों से ठगी को अंजाम दिया है। आरोपी खुद को कनाडा पुलिसकर्मी बताकर वहां के नागरिकों के सिन नंबर (सरकार की ओर से जारी व्यक्ति का पहचान नंबर) से उन्हें आपराधिक गतिविधि में लिप्त होने की बात कहकर धमकाते थे और फिर उनसे बिटकॉइन में उगाही करते थे। आरोपियों ने भारत सरकार को करीब 1 हजार करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया है।


 

पश्चिम दिल्ली जिले के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त समीर शर्मा ने बताया कि दूर संचार विभाग और साइबर सेल ने डीएलएफ औद्योगिक क्षेत्र मोती नगर स्थित आरोपियों के कार्यालय पर छापा मारा। इसके तीनों फ्लोर पर फर्जी कॉल सेंटर चलाया जा रहा था। पुलिस ने वहां मौजूद 32 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। जांच में पता चला है कि आरोपी वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (वीओआईपी) के जरिये फोन करते थे। वे जिस नंबर से फोन करते, वह कनाडा का होता था। इस तरह की सुविधा लेने के लिए सरकार से लाइसेंस लेना जरूरी है, जिसके लिए मोटी फीस भी देनी होती है। ठग बिना किसी अनुमति के यह गतिविधियां चला रहे थे। दूरसंचार विभाग की टीम की जांच में पता चला कि आरोपी वीओआईपी कॉल की प्रक्रिया में गेटवे को दरकिनार कर रहे थे। सूत्रों के अनुसार ठगों ने अंतरराष्ट्रीय बाजार से अनधिकृत वीओआईपी खरीदे थे। इससे भारत सरकार को करीब 1 हजार करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है।