आर्थिक अपराध कर देश छोड़कर भागने वालों ने सरकार को लगाया करीब 18 हजार करोड़ का चूना
मनी-लांड्रिग रोधी कानून के तहत अब तक देश में कुल 13 लोगों को दोषी ठहराया गया है। यह जानकारी मंगलवार को वित्त राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने संसद में दी। मनी-लांड्रिग रोधी कानून 14 वर्ष पहले बनाया गया था।
वित्त राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में कहा कि इस साल अक्टूबर तक धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अदालतों के समक्ष कुल 694 अभियोजन शिकायतें या आरोप पत्र दायर किए गए हैं। उन्होंने कहा कि संबंधित पीएमएलए विशेष अदालतों के समक्ष इन मामलों में मुकदमा चल रहा है। अब तक नौ मामलों में 13 लोगों को पीएमएलए की विशेष अदालतों ने दोषी ठहराया है।
पीएमएलए को वर्ष 2002 में लाया गया था और इसे वर्ष 2005 से लागू किया गया ताकि कर चोरी और काले धन के सृजन जैसे गंभीर अपराधों पर अंकुश लगाया जा सके, जिसके कारण धन-शोधन और आतंक-वित्तपोषण को अंजाम दिया जाता है। ठाकुर ने कहा, देश भर में 66 अदालतों को पीएमएलए विशेष अदालत के रूप में नामित किया गया है।
सरकार को लगाया करीब 18 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाया
आर्थिक अपराध कर देश छोड़कर भागने वाले 51 लोगों ने कुल मिलाकर 17,900 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है, सरकार ने मंगलवार को संसद में यह जानकारी दी। वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने राज्यसभा में भगोड़े आर्थिक अपराधियों पर एक प्रश्न के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बताया है कि अब तक 66 मामलों में 51 फरार और घोषित अपराधी अन्य देशों में भाग गये हैं।
उन्होंने कहा, सीबीआई ने रिपोर्ट दी है कि इन मामलों में आरोपी व्यक्तियों द्वारा दी गई कुल लगभग 17,947.11 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई है। उनसे पूछा गया था कि इन घटनाओं में कितनी रियायतें दी गई थीं या ऋण माफ किये गए थे।
उन्होंने कहा कि ईडी और सीबीआई ने सक्षम न्यायालयों में इन मामलों के संबंध में आवेदन दायर किए और जांच अथवा दूसरी कार्रवाई जारी है। ठाकुर ने कहा कि सीबीआई, घोषित अपराधियों और फरार लोगों के संबंध में 51 प्रत्यर्पण अनुरोधों पर काम कर रही है जो विभिन्न चरणों में लंबित हैं।
अन्य केंद्रीय एजेंसियों के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा कि केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड और सीमा शुल्क विभाग (सीबीआईसी) ने छह भगोड़े आर्थिक अपराधियों के बारे में रिपोर्ट की है जो अवैध रूप से देश छोड़ गए हैं। ठाकुर ने कहा, प्रवर्तन निदेशालय ने भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 के तहत सक्षम अदालत में 10 व्यक्तियों के खिलाफ आवेदन दायर किये हैं। आठ व्यक्तियों के लिए प्रवर्तन निदेशालय द्वारा भेजे गए प्रत्यर्पण अनुरोधों के संबंध में, इंटरपोल द्वारा रेड-कॉर्नर नोटिस भी प्रकाशित किए गए हैं।